Surya Sadhana

मकर संक्रान्ति
सूर्य साधना
14 जनवरी 2018

 

तेजस्विता सिद्धि
ज्योतिर्मय आरोग्य सिद्धि

 

सूर्य ही जीवन, तेज, ओज, बल, चक्षु, आत्मा और मन का स्वरूप हैं…
इस साधना को सम्पन्न करने के इच्छुक साधक के लिए आवश्यक है, कि मकर संक्रान्ति अथवा किसी भी रविवार या शुभ मुहूर्त में जब यह साधना सम्पन्न करने का इच्छुक हो उस दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। फिर लाल वस्त्र पहन, ऊनी आसन पर पूर्वाभिमुख होकर बैठें तथा अपने समक्ष लकड़ी के बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर सर्वप्रथम गुरु चित्र/विग्रह/यंत्र/पादुका स्थापित कर लें और दोनों हाथ जोड़कर गुरुदेव निखिल का ध्यान करें –

 

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः।
गुरुः साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
निखिल ध्यान के पश्‍चात् गुरु चित्र/विग्रह/यंत्र/पादुका को जल से स्नान करावें –

 

ॐ निखिलम् स्नानम् समर्पयामि॥

 

इसके पश्‍चात् स्वच्छ वस्त्र से पौंछ लें निम्न मंत्रों का उच्चारण करते हुए कुंकुम, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, धूप-दीप से पंचोपचार पूजन करें –

 

ॐ निखिलम् कुंकुम समर्पयामि।
ॐ निखिलम् अक्षतान समर्पयामि।
ॐ निखिलम्  पुष्पम् समर्पयामि।
ॐ निखिलम् नैवेद्यम् निवेदयामि।
ॐ निखिलम् धूपम् आघ्रापयामि, दीपम् दर्शयामि। 
                            (धूप, दीप दिखाएं)

 

अब तीन आचमनी जल गुरु चित्र/विग्रह/यंत्र/पादुका पर घुमाकर छोड़ दें। इसके पश्‍चात् गुरु माला से गुरु मंत्र की एक माला मंत्र जप करें –

 

ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः

 

गुरु पूजन के पश्‍चात् मूल सूर्य साधना-पूजन निम्न प्रकार से सम्पन्न करें –

 

इसके पश्‍चात् इसी बाजोट पर गुरु चित्र के सम्मुख तांबे की प्लेट में सूर्य यंत्र स्थापित करें। इसके पश्‍चात् अपने आसन पर बैठे-बैठे ही एक लोटे में कुंकुम मिश्रित जल लेकर निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए ‘सूर्य यंत्र’ पर अर्घ्य प्रदान करें –

 

ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:॥
सूर्याय नम: आदित्याय नम:
नमो भास्कराय नम: अर्घ्यं समर्पयामि।।
सूर्य यंत्र को अर्घ्य प्रदान करने के पश्‍चात् यंत्र को स्वच्छ वस्त्र से पोंछकर कुंकुम, अक्षत, पुष्प इत्यादि समर्पित करें। सूर्य यंत्र को दीपक और धूप के दर्शन कराएं।

 

इसके पश्‍चात् दोनों हाथ जोड़कर पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान सूर्य की निम्न प्रार्थना करें –

 

आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने ।
जन्मान्तर सहस्रेषु दारिद्र्यं नोपजायते॥
मन ही मन भगवान सूर्य से प्रार्थना करें, कि वे इस दिवस विशेष पर (जब सूर्य भगवान साधक के मन व शरीर में, साधना के माध्यम से उतर जाने को तत्पर रहते हैं) उसे अपने वरदायक प्रभाव से सिक्त कर, अपनी ऊर्जा से दुर्भाग्य, दारिद्र्य और पाप-ताप-संताप से मुक्त करने की कृपा करें।

 

इसके पश्‍चात् सूर्य माला से साधक निम्न मंत्र की पांच माला मंत्र जप सम्पन्न करें।

 

मंत्र

 

॥ॐ ह्रीं ह्रीं क्लीं ह्रीं ह्रीं ॐ॥
मंत्र जप के उपरांत अपने स्थान पर बैठे-बैठे ही किसी एक पात्र में जल, अक्षत, कुंकुम व पुष्प की पंखुड़ियों को लेकर यंत्र के ऊपर इस प्रकार प्रवाहित करें मानों भगवान सूर्य को अर्घ्य दे रहे हों। सायंकाल यंत्र व माला को किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित कर दें।

 

जिस प्रकार सूर्य की रश्मियों को लेंस के माध्यम से एकत्र करने पर अग्नि उत्पन्न हो जाती है, ठीक उसी प्रकार उपरोक्त मंत्र के संगुफन से जो अग्नि उत्पन्न होती है वह साधक के जीवन की विषमताओं को भस्म कर देती है।

 

यह सूर्य साधना, तंत्र का यह तीव्रतम प्रयोग ही वस्तुतः जीवन में सौभाग्य के निर्माण का प्रथम चरण है।

 

साधना सामग्री – 490/-

Makar Sankranti

14 January 2018

 

Intense Siddhi

Jyotirmaya Aarogya Siddhi

Surya Sadhana

Sun is the significant form of life, intensity, aura, strength, eyes, soul and mind…..

 

Sadhaks desirous of accomplishing this Sadhana should take bath early in the morning before sunrise, on Makar Sankranti, or any Sunday or on an auspicious-muhurath occasion. Thereafter, adorning red colored clothes, sit on a red asana facing East. Spread red cloth on a wooden board in front of you. First setup Guru Picture/ Statue/Yantra/Paduka and meditate on the divine form of  Gurudev Nikhil with folded hands –

GururBrahmaa GururVishnuH Gururdevo MaheshwaraH |

GuruH Saakshaat Par Brahmaa Tasmei Shree Guruve NamaH ||

 

Bathe the Guru Picture / Statue/ Yantra / Paduka with water after Nikhil meditation –

Om Nikhilam Snaanam Samarpayaami ||

 

Then wipe with a clean cloth. Perform Panchopchaar worship-poojan with Kumkum (Vermilion), Akshat (Unbroken rice), Pushpa (Flowers), Neivedh (Sweets/Fruit offering), Dhoop (Incense) – Deep (Lamp); chanting following mantras –

Om Nikhilam Kumkum Samarpayaami |

Om Nikhilam Akshtaan Samarpayaami ||

Om Nikhilam Pushpam Samarpayaami ||

Om Nikhilam Neivedhyam Nivedayaami ||

Om Nikhilam Dhoopam Aardhyaapayaami, Deepam Darshayaami ||

(Show Dhoop, Deep)

 

Now rotate three Achmaani (spoonful) water around the  Guru Picture / Statue/ Yantra / Paduka and drop it on ground. Then chant 1 rosary-round of Guru Mantra with Guru Mala –

Om Param Tatvaaya Naaraayanaaya Gurubhayo Namah

 

After completing Guru worship, perform the main Surya Sadhana-worship in the following way-

Setup Surya Yantra on a copper plate in front of Guru picture on this wooden board. Thereafter offer Ardhya of water mixed with Kumkum in a lota (pot)  on “Surya Yantra” chanting following Mantra, whilest remaining seated on the asana.

Aehi Suryadeva Sahastraansho Tejo Raashi Jagatpate |

Anukampaya Maam Bhaktyaa Grihanaardhya DeevakaraH ||

Sooryaaya NamaH Aadityaaya NamaH

Namo Bhaaskaraaya NamaH Ardhyam Samarpayaami |

After offering Ardhya to Surya Yantra, wipe the Yantra with a clean cloth and offer Kumkum (vermilion) , Akshat (unbroken rice) and Pushpa (flowers) etc. Show Deepak (lamp) and Dhoop (incense) to Surya Yantra.

Thereafter, with folded hands,  pray to Sun God with full devotion and faith –

Aadityasya Namaskaaram Ye Kurvanti Dine Dine |

Janmaantara Sahastreshu Daaridrayam Nopajaayate ||

Mentally pray to Sun God to provide boons through His infinite energy to liberate from misfortune, poverty and sin-anger-rage on this special day (When Sun God is willing to imbibe within the mind and body of the Sadhak through Sadhana) .

Thereafter chant five mala (rosary-rounds) of following Mantra with Surya Mala –

Mantra

|| Om Hreem Hreem Kleem Hreem Hreem Om ||

After completion of Mantra chanting, offer water, Akshat rice, Kumkum and flower-petals on Yantra as if offering Ardhya to Sun God. Immerse the Yantra and Mala at a holy place in the evening.

As fire is produced by focusing Sun rays through a lens, similarly the fire produced by the chanting of above Mantra consumes the deficiencies in Sadhak’s life.

This intense Tantra prayog-practice of Surya Sadhana  is really the initial step towards building good fortune in life.

Sadhana Materials – 490 / –

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